Ahmed Alvi

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16-Apr-2023 दस लाख की सिगरेट

दस लाख की सिगरेट 

हांपते और कांपते जब घर पे पहुंचा बदहवास।
पी गया पानी ग़टाग़ट कम से कम मैं छ गिलास।।

ऐसी हालत देख कर बीवी मेरी घबरा गई।
खेरियत है क्या हुआ क्या कोई आफत आ गई।।

मेरे दफ्तर की इमारत भरभरा कर गिर गयी।
दब गये मलबे के नीचे मेरे भी साथी कई।।

मर गये दफ्तर में कितने और कितने बच गये।
ये बतायें हादसे में आप कैसे बच गये।।

दफ्तरों में आज कल मर्ज़ी से जी सकते नहीं।
गर तलब हो आप को सिगरेट भी पी सकते नहीं।।

छोड़ा दफ्तर फाईलों के ग़म भुलाने के लिए।
निकला दफ्तर से था बस दो कश लगाने के लिए।।

जैसे ही दफ्तर से निकला हादसा ये हो गया।
आज सिगरेट की बदोलत मोत से मैं बच गया।।

आज जो ज़िन्दा हूं मैं सिगरेट का ये अहसान है।
तुम कहा करती थीं सिगरेट से मुझे नुकसान है।।

हो के जज़्बाती मेरी बीवी ने ये रो कर कहा।
मेरे शौहर को बचाया तूने सिगरेट शुक्रिया।।

तब ही टीवी पर ख़बर इस हादसे की आ गई।
दस उसी दम मर गये थे और ज़ख़्मी थे कई।।

हादसे ये ख़बर टीवी पे बीवी ने सुनी।
मरने वाले पायेंगे इमदाद दस दस लाख की।।

जिन को आई हैं ख़राशें वो हज़ारों पायेंगे।
मरने वालों के तो वारिस लखपति बन जायेंगे।।

सुन के टीवी की ख़बर बीवी को ग़ुस्सा आ गया।
हो गया मालूम अब सिगरेट के हैं नुकसान क्या।।

हो गई हूं राख में इन सिगरेटों की राख में।
एक सिगरेट आप की मुझ को पड़ी दस लाख में।। 

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6 Comments

Raghuveer Sharma

18-Apr-2023 12:20 AM

काफी महंगी पड़ी सिगरेट🤣🤣🤣

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एकदम जबरदस्त 🤣👌👌

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हो गई हूँ राख में,,, वाली लाइन में में की जगह मैं करें जी

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